Red Fort History in Hindi
लाल किले का इतिहास
देश विदेशों में भारत अपनी सिर्फ संस्कृति के लिए ही नही बल्कि यहाँ स्थित अद्भुत इमारतों और उनसे जुड़े किस्सों को लेकर भी हमेशा से काफी चर्चा में रहा है. भारत का इतिहास हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है फिर चाहे इसके पीछे का कारण कोई रहस्य हो या फिर कोई चौंकाने वाला तथ्य.
यदि हम भारत में स्थित पुरानी इमारतों पर नजर डाले तो इन सभी से जुडी कोई न कोई ख़ास बात हमारे सामने आती है जो हमारे अंदर जिज्ञासा पैदा करती है की इसे हम और की गहराई से जाने. आज हम यहाँ बात कर रहे है दिल्ली की शोभा बढ़ाते लाल किले यानी Red Fort की.
मुगलों के वैभव को दर्शाता लाल किला ( RED FORT ) पुरानी दिल्ली में स्थित है. जो की 33 मीटर ऊँचा और लाल पत्थर की चौड़ी विशाल दीवारों से बना है. 1638 में इन विशाल दीवारों को बनाने के पीछे का मकसद आक्रमण करने वालो से बचाव करना था. Red Fort में मौजूद दो द्वारों में से एक द्वार ही प्रतिदिन आने वाले टूरिस्ट्स के लिए खुलता है जिसे लाहोर गेट कहा जाता है, दूसरा द्वार विशेष अतिथियों के लिए है जो अक्सर ही बंद रहता है और ख़ास अवसर पर ही उपयोग किया जाता है.
यदि आप Red Fort जाने का मन बना रहे हैं तो आपको बता दें की यहा प्रतिदिन शाम के समय में साउंड एंड लाइट शो का आयोजन होता है जिसमे Red Fort के इतिहास से जुडी बातो को बेहद ही सुन्दर रूप से सभी के सामने रखा जाता है.
Source : Youtube
Red Fort का निर्माण बादशाह शाहजहां ने अपनी राजधानी को आगरा से परिवर्तित करते हुए दिल्ली बनाने के लिए करवाया था. मोहर्रम के पवित्र महीने के साथ 1638 में शुरू हुआ Red Fort का निर्माण कार्य लगभग 10 साल चला और 1648 में पूर्ण हुआ. लाल किले के नक्शे का श्रेय भी उस्ताद अहमद लाहोरी को जाता है जिन्होंने ताजमहल का नक्शा बनाया था. Red Fort में मुस्लिम परम्पराओं के साथ साथ पर्शियन छवि भी दिखाई देती है.
लाल किले के बाहर की ओर मौजूद गार्डन काफी मनमोहक और सुन्दर है. 2007 में लाल किले को UNESCO WORLD HERITAGE में शामिल किया गया. 15 अगस्त के दिन यहाँ भारत के प्रधानमंत्री देशवासियों को स्वतंत्रता की वधाई और ध्वजारोहण करते है.
यमुना नदी के किनारे बना RED FORT लगभग दो सौ सालों तक मुगलों का निवास स्थान रहा. लालकिले की सुन्दरता को देखते हुए सभी ने दिल्ली का नाम शाहजहानाबाद रखा. शाहजहाँ के शासनकाल में लालकिला उनकी रचनात्मक शैली का प्रतीक माना गया. शाहजहाँ के बाद औरंगजेब ने शासन सम्भाला जिसमें उसने द्वार और मोतियों से मस्जिद का निर्माण कराया.
1712 में जहंदर शाह ने लाल किले पर कब्जा कर लिया.जिसके बाद 1719 में रंगीला नाम से विख्यात मुहम्मद शाह ने अपनी कलाक्रतियों से लाल किले को सजाया. 1739 में पर्शियन शासक नादिर शाह ने मुग़ल सेना पर हमला कर दिया और युद्ध में आसानी से परस्त करते हुए सभी मुग़ल शहरों को ध्वस्त कर दिया. जिसके बाद आंतरिक रूप से मुगलों के कमजोर होने के कारण शाहजहानाबाद का नाम दिल्ली पड़ा. 1752 में दिल्ली का समझौता मराठाओं के साथ हुआ जिसमे दिल्ली की सुरक्षा पर कदम उठा.
1803 में मराठाओं और एंग्लो युद्ध में हार के कारण ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने लाल किले पर अपना कब्जा कर लिया और मराठाओं का शासनकाल खत्म हुआ. जिसके बाद एक एक कर के ब्रिटिशों ने मुगलों के सारे किलों पर अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया. ब्रिटिशों ने मुगलों के काफी किले ध्वस्त कर दिए , कई कीमती समान अपने साथ ले गये जबकि पत्थर से बने कुछ किले ही ब्रिटिशों के अत्याचारों से दूर रहे.
जिसके बाद 1899 से 1905 तक भारत पर राज करने वाले लार्ड कर्जन ने किलों और किले में पड़ी चीजों की मरम्मत कराने के आदेश दिए. जिसके साथ ही किलों के आस पास मौजूद जगह को सुन्दर बगीचों में बदलने का हुकुम दिया गया.
कहा जाता है की , ब्रिटिशों द्वारा भारत के किलों से लूटा गया समान आज भी उनके मयूजियम्स में रखा गया है जिसमे कोहिनूर हीरा , शाहंजहां का शराब का कप (हरा रंग) , बहादुर शाह द्वितीय का ताज आज भी लन्दन में मौजूद है. भारत सरकार द्वारा इसके कई बार दावे किये गये है जिसे ब्रिटिश सरकार ने मानने से इनकार किया है.
15 अगस्त 1947 में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री द्वारा Red Fort पर ध्वजारोहण किया गया. जिसके बाद से आज भी यह परम्परा राष्ट्रिय तौर पर मानी जा रही है. आजादी के बाद लालकिले को सैनिक प्रशिक्षणों के लिए प्रयोग किया जाने लगा.
लाल किले से जुड़े दिलचस्प तथ्य
लाल किला कही जाने वाली यह ऐतिहासिक इमारत दरअसल लाल पत्थरों से निर्मित नहीं है. इसे सफेद पत्थरों से बनाया गया है जिसे लाइम मार्बल के नाम से जाना जाता है लेकिन इसका रंग खराब होने के कारण ब्रिटिशों ने इसके ऊपर लाल रंग करा दिया. जिसके बाद से इसे Red Fort कहा जाने लगा. इस से पहले लाल किले को किला ए मुबारक नाम से जानते थे.
किले की बाहर बनी विशाल दीवारों के पीछे का कारण सुरक्षा करना था. ब्रिटिशों के द्वारा रेड फोर्ट नाम दिए जाने के बाद से लोगो ने इसका उच्चारण हिंदी में लाल किला करना शुरू कर दिया.
दिल्ली में लाल किला बनाने से पहले शाहजहाँ की राजधानी आगरा थी जिसके बाद उसने दिल्ली में परिवर्तित करने का फैसला किया.
हम सभी जानते है आज की तुलना में उस समय इतने ज्यादा साधन और सुविधाए उपलब्ध नहीं थी जिसके कारण इस किले को बनने में 10 साल लगे थे.
विश्व का सबसे कीमती हीरा कहा जाने वाला कोहिनूर भारत की धरोहर है जिसे ब्रिटिशों ने लूट कर अपने साथ ले जाने का साहस किया और आज वह उनके मयूजियम की शोभा बड़ा रहा है. कोहिनूर शाहजहाँ के ताज में शोभित हीरा था जिसे कई बेशकीमती धातुओं में जड़वाया गया था. जिसे पहन कर ही शाहजहाँ अपने दरबार में बैठते थे.
लाल किला में दो प्रवेश द्वार बने हुए है जिसे दिल्ली द्वार और लाहोर द्वार का नाम दिया गया है. लाहोर द्वार के नाम के पीछे का कारण शाहजहाँ का लाहोर के प्रति विशेष आकर्षण का होना माना जाता है.
यदि लाल किले को ऊपर से देखा जाये , यानी बर्ड ऑय व्यू के माध्यम से यदि रेड फोर्ट पर नजर डाले तो यह अष्टकोणीय अकार का नजर आता है.
ब्रिटिशो से युद्ध में हारने के बाद बहादुर शाह को लाल किले में ही बंदी बनाया गया था जिसके बाद उसे दोषी पाए जाने पर उसे रंगून भेज दिया गया.
2007 में लाल किले को वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया गया जो की भारत के लिए काफी गर्व की बात है.
Source : Youtube
यदि आपको लालकिले से जुडी जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करना न भूले. साथ ही साथ रेड फोर्ट से जुडी कोई भी जानकारी आपके पास है तो कृपया हमे नीचे कमेन्ट बॉक्स में अवश्य बताये.
Also Read
National Symbols of India in Hindi | भारत के राष्ट्रिय चिन्ह
Kalpana Chawla : Love Story | Career | Missions | Death | Quotes
[…] Red Fort History in Hindi : लाल किले का इतिहास […]
[…] लोगो को बेचना शुरू कर दिया. जिसमे लालकिला, राष्ट्रपति भवन , संसद और तीन बार […]
[…] लाल किले का इतिहास […]