Effects of Nail Paints
आपने अक्सर ही अपने आस पास लडकियों या महिलाओं को हाथो और पैरों के नाखूनों पर Nail Paints या नेल पोलिश लगाते जरुर देखा होगा. आज कल फैशन के दौर में Nail Paints लगाना और उन्हें बार बार बदलना आम हो गया है. लडकियाँ अपने हाथो की सुन्दरता को लेकर इतनी चिंतित रहती है की वह स्पा इत्यादि सुन्दरता बढ़ाऊ स्थलों पर जा कर मेनिक्योर कराती और फिर अपने नाखूनों पर Nail Paints की एक मोटी परत चढ़ाती दिखाई देती है.
लडकियों के पास Nail Paints का अच्छा खासा कलेक्शन देखने को मिलता है. हालांकि लडकियों का यह अंदाज लडको को जरुर पसंद आता है या यूँ कहे लड़के चाहते है की उनका पार्टनर या जिसे वह पसंद करते है वह उनकी पसंद के या फिर नये नये Nail Paints लगाये जिसके लिए वह फिर इन्टरनेट को खंगालने से भी पीछे नहीं हटते.
लेकिन क्या आप जानते है , नाखूनो पर लगायी जाने वाली यह पोलिश आपके दिमाग पर प्रभाव डालती है. आइये जानते है इसका महिलाओं के शरीर पर क्या विपरीत प्रभाव पड़ता है.
आपने सभी ब्रांड्स को सुरक्षित होने का दावा करते सुना होगा लेकिन इसमें मौजूद केमिकल्स शरीर के लिए नुकसानदेह होते है जिनसे शरीर में हार्मोनल ईमबेलेन्स की सम्भावना बढती है. और Nail Paints लगाने के बाद 10 घंटो तक यह केमिकल्स खून में मौजूद रहते है.
नेल पेंट्स या नेल पोलिश में Triphenyl Phosphate नाम का कंपाउंड मौजूद रहता है जो खून में जा मिलता है और लगातार नेल पोलिश लगाते रहने से वह शरीर से बाहर नहीं निकल पाता. जिसके कारण हार्मोनल मैकेनिज्म और रिप्रोडक्टिव सिस्टम को नुक्सान पहुँचता है. साथ ही इसका असर दिमाग , स्किन पर देखने को मिल सकता है.
ऐसा नहीं है की इसके चलते Nail Paints का इस्तेमाल बंद कर देना या फिर अपने नाखूनों का ध्यान नहीं रखना चाहिये. केमिकल्स युक्त नेलपेंट्स के अलावा मार्केट में आसानी आर्गेनिक नैल्पैन्ट्स मिल जाते है. जरुरत है तो सिर्फ सही चुनाव की.
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