Hindi Newspapers | जब सांप पर अध्यन के लिए वैज्ञानिक ने दी अपनी जान

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क्या आप अपने काम से इतना प्यार करते है की उसके लिए जान भी दे दें ? यह सवाल हो सकता है आपको बेहद अटपटा सा लगे लेकिन यह सच है की इतिहास में कई वैज्ञानिक ऐसा कर चुके है.

जी हाँ .. इतिहास के कुछ पन्ने पलटें तो हमे पता चलता है की कई वैज्ञानिकों ने शोध के लिए अपनी जान को पूरी तरह जोखिम में डाल दिया और फिर उनके जीवन का अंत भी हो गया. Hindi Newspapers Funny News लेख में आज हम लेकर आये है आपके लिए ऐसी ही एक कहानी जिसमे, वैज्ञानिक ने सांप के ऊपर शोध करने के लिए उसके काटने पर कोई इलाज करने की बजाय जहर से होने वाले असर को लिखता रहा जिस शोध के चलते उसकी मौत हुयी.

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Hindi Newspapers Funny News में आज हम बात कर रहे है वैज्ञानिक कार्ल पैटरसन शिमिट की जिन्होंने 1957 में अपने शोध के लिए तब जान गंवाई जब उनका परिचित एक अजीब सी प्रजाति के सांप को उनके पास लाया जिसके बाद शिमिट ने उसके ऊपर अध्यन करना शुरू किया.

शिकागो के रहने वाले शिमिट के पास जब अनोखी प्रजाति का सांप आया तो उन्होंने दिलचस्पी से इसके ऊपर अध्यन करने का मन बनाया और अपने काम में लग गये. सांप की अजीबो गरीब खाल को निहारते निहारते शिमिट को सांप ने हाथ के अंगूठे पर काट लिया. शिमिट ने डॉक्टर के पास जाने के बजाय जहर को चूस कर निकाल दिया और सांप के काटने के बाद हो रहे लगातार अनुभव को एक डायरी पर नोट करना शुरू कर दिया.

डायरी में शिमिट ने 4 से 5 बजे के बीच में जी मचलाने की बात लिखी जिसके बाद उन्होंने उल्टी हुयी और फिर उन्होंने हिम्मत करके 1घंटे का सफ़र ट्रेन से किया जिस बीच उनके शरीर में कम्पन्न और झटको जैसा अनुभव था. कुछ ही देर में उन्हें 101डिग्री बुखार हुआ और उनके मसूड़ों से खून आने लगा.

शिमिट ने लिखा , 8:30 बजे उन्होंने दो टोस्ट खाए और 9 से 12 बजे तक आराम से सो गये. जिसके बाद वह पेशाब को उठे और उन्हें पेशाब में खून आ रहा था. सुबह के 4:30 बजे एक बार फिर शिमिट को उलटी हुयी और यह सब 6:30 तक चला.

सुबह 7 बजे उठ कर शिमिट ने दो अंडे , टमेटो सॉस और कॉफ़ी ली. शिमिट के मुंह और नाक से अब लगातार खून आने लगा था. दोपहर करीबन 1:30 बजे शिमिट का शरीर पूरा पसीने पसीने हो चूका था जिसके चलते उन्होंने यह सब अपनी पत्नी को कॉल पर बताया.

कॉल के दौरान ही वह बेहोशी में थे जिसके बाद शिमिट फर्श पर गिर गये. अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टर्स ने शिमिट को बचाने की काफी कोशिश की लेकिन करीबन 3:30 से 4:00 के बीच में शिमिट ने अपनी अंतिम सांस ली जिसके बाद डॉक्टर्स ने बताया की शिमिट को जहर का असर इस कदर हो चूका था की वह सांस लेने में बिलकुल असमर्थ थे.

Hindi Newspapers Funny News में आपको बता दें शिमिट द्वारा अध्यन की गयी साप की इस प्रजाति का जहर काफी तेज माना जाता है और यदि किसी पक्षी को 0.0006 मिली ग्राम भी पहुँच जाए तो उसकी जान लेने के लिए काफी है.

शिकागो ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक़ डॉक्टर्स को जब शिमिट के इलाज के लिए समय पर जाने को कहा गया तो शिमिट ने उपचार कराने से साफ़ इनकार कर दिया और किसी भी प्रकार की दवाई को लेने के लिए तैयार नहीं हुए ताकि जहर से होने वाले प्रभावों को वह ठीक से लिख पायें.

कुछ लोग मानते है की शिमिट इतने प्रतिष्ठित वैज्ञानिक थे की वह सांप के काटने के बाद ही जान चुके थे इसका कोई इलाज नहीं है जिसके कारण ही उन्होंने इस इलाज को मना करते हुए अपने अनुभव को दुनिया के सामने रख कर जाने का फैसला किया.

तो दोस्तों Hindi Newspapers Funny News लेख में यह थी कहानी वैज्ञानिक शिमिट की. यदि आप भी ऐसी ही किसी कहानी या ख़ास शख्स को जानते है तो आप भी हमें Hindi Newspapers Funny News सब्जेक्ट के साथ मेल कर सकते है.

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